Untold Poetry presents collections of love Shayari in Hindi by Donzai.
Hope you will enjoy the Shayari
love shayari || Romantic Shayari
वो प्यार था या दोस्ती ?
सवाल हमेशा मन में था, पूछ ना सका उस्से कभी,
वो प्यार था या दोस्ती ? इसका जवाब भी दे दो कभी ।
लेक्चर में उसे देखा, कैंटीन में उस्से बातें हुई,
नोट्स मांगने के बहाने ही सही, आखिरकार उससे दोस्ती हुई ।
दिन बीते महीने बीते, बातें मुलाकाते बढ़ती गई,
बातों मुलाकातों में पता ना चला, कैसे इतनी गेहरी दोस्ती हुई ।
कॉलेज कैंपस में बैठकर उससे बातें करता,
उसकी मीठी बातों को दिल लगाकर सुनता ।
आधा टिफिन वो खाती उसका,आधा मेरे लिए बचाती,
मैं रहूं बिज्ज़ी अगर, तो अपने हाथों से मुझे खिलाती ।
अपनी सभी परेशानियाँ, वो मुझसे बाट ती,
जो करु मे गलती कोई, कान पकड़ कर खूब डाटती,
उदास में होता तो, दुखी वो हो जाती,
कोई तकलीफ उसे छूले तो आँख मेरी भी भर आती ।
मजाल कीसी की जो उसके आगे करे मेरी बुराई,
किसीने गलती से कर भी दी, तो समझो उसकी शामत आई ।
ना मेरे खिलाफ वो कुछ सुनती, ना उसके लिए किसीको कुछ में कहने देता,
वो प्यार था या दोस्ती ? काश ये बात में पूछ लेता ।
छेडे जब दोस्त उसे मेरे नाम से, आँख बड़ी कर गुस्सा दिखाती,
होठो पे मीठी मुस्कान लिए मन ही मन मुस्काती ।
हिम्मत कर सोचा था आज पूछ ही लेता हूं,
ये प्यार है या दोस्ती ? बात कर ही लेता हूँ,
कुछ कदम चला फिर में रुक गया,
कहीं प्यार के चक्कर में दोस्ती ना खो दूं,
ये सोच कर सवाल कहीं छुप गया ।
डॉनजाए
ये प्यार है या दोस्ती ? बात कर ही लेता हूँ,
कुछ कदम चला फिर में रुक गया,
कहीं प्यार के चक्कर में दोस्ती ना खो दूं,
ये सोच कर सवाल कहीं छुप गया ।
डॉनजाए
सबसे श्रेष्ट है प्रेम सृष्टि में ...।
सबसे श्रेष्ट है प्रेम सृष्टि में, ना कुछ प्रेम सा प्यारा,
पावन प्रेम सदा से जैसे, निश्चल गंगा की धारा ।
प्रेम सदा ह्रदय में बसें, जहाँ प्रिय का डेरा,
नश्वर है सुख जग के सारे, प्रिय बीना जग मेरा ।
प्रेम स्वयं राधाकृष्ण है, प्रेम ही शिवगौरा,
प्रेम के आगे शीश झुकाता देवलोक भी सारा ।
तड़पे जैसे जल बिन मीन, प्रिय बीना मन मेरा,
भेद - भाव ना प्रेम करे कभी एक समान जग सारा ।
प्रेम के सार जो भी समझे, पा ले प्रेम हर क्षण में,
जो परिशुद्ध प्रेम करें वो पा ले प्रिय कण कण में ।
प्रेम सदा ही देना जाने, जग का सुख सारा,
प्रिय के सुख में स्वयं सुखी हो, तो सुखी जग सारा ।
जब विरह हो प्रेम में प्रिय से, अर्थहिन जीवन लगे सारा,
प्रिय मिलन से अनुभव हो की, पा लिया सुख सारा ।
जैसे सूर्य मे तेज़ बसें, प्रेम बसें ह्रदय में,
जीवन के सारे सुख बस्ते, प्रेम भरे हर कर्म में ।
- डॉनजाए
दुआ करो वो दिन भी आएगा,
हमारा प्यार भी रंग लाएगा ।
ना कोई हद होगी, ना कोई बंदीश,
बस हम होंगे और हमारा प्यार,
ना होगी कोई रंजिश ।
डॉनजाए
हमारा प्यार भी रंग लाएगा ।
ना कोई हद होगी, ना कोई बंदीश,
बस हम होंगे और हमारा प्यार,
ना होगी कोई रंजिश ।
डॉनजाए
मोहोब्बत की गलियों में आके तो देखो,
हमारी नज़रो से खुदको सवार के तो देखो,
भूल जाओगे सब कुछ, जान जाओगे जिस दिन ।
तुम्ही से हर ख़ुशी, तुम से होता शुरु हर दिन,
ना दिखे चेहरा तुम्हारा, तो अधूरा सा लगे हर दिन ।
डॉनजाए
हमारी नज़रो से खुदको सवार के तो देखो,
भूल जाओगे सब कुछ, जान जाओगे जिस दिन ।
तुम्ही से हर ख़ुशी, तुम से होता शुरु हर दिन,
ना दिखे चेहरा तुम्हारा, तो अधूरा सा लगे हर दिन ।
डॉनजाए
इक़रार
मन ही मन जिसे अपना माना, दिलसे जिसे था प्यार किया, थी वो दोस्त मेरी, इसलिए डर से कभी ना इज़हार किया । सोचा था प्यार से दूर ही रहूंगा, इन चक्करो में नहीं पडूंगा , किसे पता था ये दिन भी आएगा,
जब ये दोस्ती प्यार में बदल जाएगा ।
कोशिश लाखों की छुपाने की, पर कोशिशे काम ना आइ, वो दिन भी आही गया, जब मन की बातें उसके सामने आई ।
बातों बातों में उसने बोला एक सवाल है, क्या ये सच है तुम्हे मुझसे प्यार है,
धड़कने तेज़ हुई मानो सब कुछ थम सा गया,
धीमी स्वर में मैंने कहा हाँ, क्या करू हो गया ।
कुछ ऐसी बातें उस रात हुई, सुबह कॉलेज के पहले मिलने की बात हुई,
में , मेरा दिल , मेरा मन तीनो घबराए , क्या पता सुबह वो कौनसा तूफान ले आए ।
सुबह उससे पहले कॉलेज आकर कैंपस में उसका इंतजार किया,
वो आएगी तो क्या कहेगी - क्या पूछेगी इस बात का विचार किया ।
आते देखा जब उसे, दिल डर सा गया कि आज दोस्ती ना खो दूं , जो सवाल है उसके मन में उसका जवाब क्या दूं ?
आखिर कार हम मिले, उसने बातें करना शुरू किया, आँखों में गुस्सा, होठों पे डर लिए उसने मुझसे सवाल किया, हम दोस्त है फिर क्यों मुझसे प्यार किया ।
जो केहना था मैंने भी वो केह दिया, माना तो तुम्हें दोस्त ही था, इस दिल को तुमसे प्यार हुआ ।
बातें यूं ही चलती रही, वो मुझ पर बरसती रही,
मैं नासमझ समझ ना सका, जो वो केहना चाह रही ।
दोनों के आँखें नम थी, समा नम था, वो माहौल ही नम हो गया, जब आँखों में आंसू लिए उसने कहा,
मुझे भी प्यार हो गया ।
वो लम्हा ही नहीं मानो सारा जहाँ थम गया,
खुशी के आंसू आँखों में लिए,
दिल एक - दूसरे से बंध गया ।
कुछ इस तरह से उसने मोहब्बत - ए - इक़रार किया कि, उसे गले लगा के मैं खूब रोया ।
डॉनजाए
जो केहना था मैंने भी वो केह दिया, माना तो तुम्हें दोस्त ही था, इस दिल को तुमसे प्यार हुआ ।
बातें यूं ही चलती रही, वो मुझ पर बरसती रही,
मैं नासमझ समझ ना सका, जो वो केहना चाह रही ।
दोनों के आँखें नम थी, समा नम था, वो माहौल ही नम हो गया, जब आँखों में आंसू लिए उसने कहा,
मुझे भी प्यार हो गया ।
वो लम्हा ही नहीं मानो सारा जहाँ थम गया,
खुशी के आंसू आँखों में लिए,
दिल एक - दूसरे से बंध गया ।
कुछ इस तरह से उसने मोहब्बत - ए - इक़रार किया कि, उसे गले लगा के मैं खूब रोया ।
डॉनजाए
जब भी प्यास लगी हमें,
तो आँखों में तेरी समन्दर को पाया ।
धुप में जल रही थी जिंदगी मेरी,
तेरी ज़ुल्फो में थंडी छाव को पाया ।
लड़ते-लड़ते थक गया ज़माने से,
तेरी बाँहों में आराम को पाया ।
आज भी लोग अनजान है जिस सच्चे प्यार से,
तेरी मौजुदगी में उस सच्चे प्यार को पाया ।
- डॉनजाए
तो आँखों में तेरी समन्दर को पाया ।
धुप में जल रही थी जिंदगी मेरी,
तेरी ज़ुल्फो में थंडी छाव को पाया ।
लड़ते-लड़ते थक गया ज़माने से,
तेरी बाँहों में आराम को पाया ।
आज भी लोग अनजान है जिस सच्चे प्यार से,
तेरी मौजुदगी में उस सच्चे प्यार को पाया ।
- डॉनजाए
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6 Comments
Superb shayri bhai👌👌
ReplyDeleteSuper 💗💟😽😽💟
ReplyDelete❤❤
ReplyDeleteAccha laga bhai ♥️
ReplyDeleteNice lines❤️
ReplyDeleteTo Good & Meaning full.
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