Collection of Motivational Poem in Hindi by Kuber Sharma presented by Untold Poetry
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Motivational Poem in hindi || Poetry
एक नया सवेरा आएगा
चेहचाते हुए पंछियों को तू कब तक चुप करायेगा,
रात भर वो शांत रहा कल फिर से वो चेहचायगा,
आखिर वो भी पंछी है कब तक चुप रह पाएगा,
आज नही तो कल फिर से चेहचाएगा,
एक नया सवेरा आएगा एक नया सवेरा आएगा,
पुरानी यादों को पीछे छोड़ तू नई याद बनाएगा,
पुरानी यादें तू भूलेगा तभी आगे बढ़ पाएगा,
याद जो तेरी बीत गयी तू उसको तो वापिस ना ला पाएगा,
उस याद को पीछे छोड़ेगा तभी तो कदम आगे बढ़ाएगा,
एक नया सवेरा आएगा एक नया सवेरा आएगा,
दिन भर की थकान के बाद तू रात को आराम फरमाएगा,
अगली सुबह होते ही तू फिर दौड़ता चला जाएगा,
जल्दी ना कर कमाने की कमाई का वक़्त तेरा कल भी आएगा,
एक नया सवेरा आएगा एक नया सवेरा आएगा,
चाँद भी अपनी चाँदनी के साथ सूरज की रोशनी में छुप जाएगा,
नीला जगमगाता आसमान फिर रोशनी फैलाएगा,
एक नया सवेरा आएगा एक नया सवेरा आएगा,
पिछले दिन तू कुछ ना कर सका तो समय फिर मौका दे जाएगा,
आने वाला समय क्या पता कुछ नए मौके दे जाएगा,
एक नया सवेरा आएगा एक नया सवेरा आएगा,
ज़िन्दगी की तो यही रीत है सूरज के बाद चाँद और चाँद के बाद सूरज आएगा,
हर बीती रात के बाद सूरज फिर से खिल जाएगा,
एक नया सवेरा आएगा एक नया सवेरा आएगा,
हर दिन की भाग- दौड़ में तू फिर शामिल हो जाएगा,
सारी दुनिया के साथ- साथ तू भी पैसा कमाएगा,
एक नया सवेरा आएगा एक नया सवेरा आएगा,
निराश क्यों होता है पगले कल तेरा भी दिन आएगा,
तू भी इस दुनिया में कुछ कर दिखाएगा,
एक नया सवेरा आएगा एक नया सवेरा आएगा,
समय के पीछे छूट गया तो तू बाद में पछतायेगा,
बिता हुआ समय कल दोबारा ना आएगा,
जो भी करना है आज ही कर ले वरना तू पीछे रह जाएगा,
क्योंकि कल एक नया सवेरा आएगा एक नया सवेरा आएगा ।
मैं नही कर सकता ।
चाहत थी चाँद पर जाने की आज चाँद पर जा बैठा है,
जहाँ पानी मिलना नामुमकिन था वहाँ पानी तक खोज बैठा है,
मीलों - मील पैदल चलता था आज गाड़ियों का ज़माना है,
मैं कुछ नही कर सकता ये तो सिर्फ एक बहाना है,
इंसान है तू अपनी शक्ति पहचान तू कुछ भी कर सकता है,
बड़ी से बड़ी चुनोती तू आसानी से पार कर सकता है,
जंगलों में तू रहता था आज पक्के मकान बना लिए,
पहले जिसमे मनोबल नही था आज उसने विज्ञान में पैर जमा लिए,
तू कुछ भी कर सकता है तेरे अंदर का बस डर मिटाना है,
डर तेरा मिट गया था मैं नही कर सकता तो एक बहाना है,
मैं नही कर सकता तो सिर्फ एक बहाना है,
कितना कुछ हाँसिल कर लिया अभी भी करना बाकी है,
मेहनत करने का जज़्बा तो अभी भी तुझमे बाकी है,
चल उठ मेहनत कर तुझसे सब कुछ होगा,
तूने जो सपना देखा है वो सपना तेरा पूरा होगा,
तेरे अंदर का हौसला बस एक बार जगाना है,
हर काम फिर तू कर पाएगा मैं नही कर सकता तो एक बहाना है,
मैं नही कर सकता तो सिर्फ एक बहाना है,
समय क्यों बर्बाद करता है,
तू क्यों अपना नुकसान करता है,
जिस समय को तू गवा रहा है क्या तू उसकी अहमियत रखता है ?
समय जो तूने गवा दिया फिर ये लौटकर ना आएगा,
इस समय की वापसी के लिए तू तरसता रह जाएगा,
दुनिया देख कितनी आगे निकल गयी तुझे भी आगे जाना है,
इतनी बड़ी दुनिया में तूने भी नाम बनाना है,
काम तुझसे सब होंगे बस एक विश्वाश को जगाना है,
तेरे अंदर के डर को जड़ से मिटाना है,
मैं नही कर सकता ये तो सिर्फ एक बहाना है,
मैं नही कर सकता ये तो सिर्फ एक बहाना है ।
कहीं बीच रुक मत जाना ।
जहाँ तक तुम चल सकते हो वहाँ तक तो तुम्हे चलना होगा,
अंगारे भरे रास्तों पर तुम्हारे पावों को यूँ जलना होगा,
मंज़िल बहुत दूर है रस्ते में ही थक मत जाना,
वहाँ तक भी पहुँच जाओगे कहीं बीच रूक मत जाना,
कठिनायों भरा सफर है धीरे से पार करना है,
खुदा तुम्हारे साथ है तो किस बात का डरना है,
ज़िन्दगी के इस सफर में बस हार मत जाना,
ज़िन्दगी को बोझ समझकर उसके नीचे मत दब जाना,
ज़िन्दगी से मुँह मोड़कर तुम वापिस मत आना,
चलते चलते यूँ ही कहीं बीच मत रुक जाना,
ऊंचाई चाहे जितनी भी हो तुम आसानी से हाँसिल कर लोगे,
ऊंचाई पर यूँ ही चलते - चलते बस थक मत जाना,
थके हुए शरीर से तुम डर मत जाना,
जो मंज़िल तुमने तय की है वहाँ तक तुम जरूर पहुँचोगे,
बस डरकर तुम कहीं बीच रुक मत जाना,
एक पिता को ही देख लो वो कितनी मेहनत करता है,
उसके बच्चों को अच्छा जीवन मिले उसके लिए वो सब करता है,
एक पिता की ही भांति तुम बस चलते जाना,
रस्ते चाहे जितने मुश्किल हो बस तुम भटक मत जाना,
भटके हुए रस्ते से तुम वापिस मत लौट जाना,
मंज़िल तुम्हे सामने दिखेगी कहीं बीच रुक मत जाना,
बस कहीं रुक मत जाना ।
जीवन गिरता उठता है ।
जो साथ तेरे कभी ना चला तू क्यों उसके साथ चलता है,
बेवजह तू क्यों उसका हाथ पकड़ता है,
चल अकेला दुनिया देख तकलीफें थोड़ी आएंगी,
एक बार जो चल पड़ा तू सारे मुश्किलें हल हो जाएंगी,
यूँ ही तू किसी की इंतज़ार में क्यों बैठा रहता है, ये तो तेरा जीवन है क्यों किसी के भरोसे चलाता है,
जीवन गिरता उठता है,
जीवन गिरता उठता है,
एक बार जो थाम लिया हाथ फिर अकेला ना चल पाएगा,
अपनी मुश्किल के समय में तू किसी के भरोसे ही रह जाएगा,
कहाँ गया वो होंसला जो तुझमे बरकार था,
अपनी ज़िंदगी जीने के लिए तो तू भी बेकरार था,
ज़रा सी आती मुश्किल देख तू क्यों किसी के राह देखे फिरता है,
मुश्किलों का तू सामना कर तू क्यों इससे डरता है,
जीवन गिरता उठता है,
जीवन गिरता उठता है,
कोई ना होगा तेरे पास तेरी ज़िन्दगी तुझे खुद ही जीनी है,
गर्म चाय का गिलास है ये इसे आराम-आराम से पीनी है,
समय- समय की बात है अच्छा समय भी आएगा,
बुरा समय जो आ गया तो क्यों इससे डरता है,
जीवन गिरता उठता है,
जीवन गिरता उठता है,
कांटो के रास्ते पर चलेगा तभी चलना आएगा,
फूल भरी सड़क पर तू कब तक चलता जाएगा,
ये जीवन एक घड़ा है बुरा वक्त भी इसमें भरता है,
तुझमे अगर वो होंसला है तो तुझे क्या फर्क पड़ता है,
जीवन गिरता उठता है,
जीवन गिरता उठता है,
प्रभु राम का भी जीवन संघर्षों से भरा था,
उनके सामने भी चुनोतियों का एक बहुत बड़ा घड़ा था,
पर चुनोतियों को वो पार नही कर सकता जो उन चुनोतियों से डरता है,
जीवन गिरता उठता है,
जीवन गिरता उठता है,
साथ थे उनके लक्ष्मण जिनके सारे चुनोतियों को वो पार करते गए,
तुम्हारे साथ यहाँ कोई नही होगा इसलिए तुम इन चुनोतियों से डरते गए,
लड़े तो वो भी थे सब चुनोतियों से और विजय प्राप्त की,
फिर तुमने क्यों चुनोती स्वीकार करने से पहले ही हार मान ली,
वीर वही कहलाता है जो चुनोतियों को पार करता है,
हर चुनोती का सामना जो डटकर करता है,
जीवन गिरता उठता है,
जीवन गिरता उठता है,
चल उठ अब हर चुनोती को तू अकेले ही पार कर,
हर चुनोती पर तु अपनी विजय से प्रहार कर,
अरे जीतता वही है जो चुनोती को पार करने का संघर्ष करता है,
वो क्या जीतेगा उस चुनोती से जो पहले से ही उससे डरता है,
जीवन गिरता उठता है,
जीवन गिरता उठता है ।
Poet Bio- Kuber Sharma is a very good poet. Who wants to make their name as a successful poet. There are so many types of poetry like love, Sarcastic, Motivational, Emotional, Hunger, Struggle, and Daily Life poetry written by Kuber Sharma. hope you like it.
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