A sad heart touching Poetry "यू ही साथ क्यों छोड़ दिया तुमने" is written by Mohit Bhardwaj is presented on this platform(Untold Poetry)
ना तुम्हारे पास छोड़कर जाने का कोई बहाना था
फिर क्यों यु ही साथ छोड़ दिया तुमने
मेरा ये दिल क्यों तोड़ दिया तुमने
तुमने ही तो प्यार करना सिखाया था ना
मेरे दिल में अपना प्यार जगाया था ना
तो क्यों यू ही साथ छोड़ दिया तुमने
मेरा ये दिल क्यों तोड़ दिया तुमने
जब भी रूठे तुम मुझसे ,तुम्हे था मनाया मैंने .
गलती तुम्हारी होने पर भी ,सर अपना झुकाया मैंने .
रिस्ता ये अपना कभी ख़त्म ना हो ,इसलिए हर मुमकिन कदम उठाया मैंने .
फिर क्यों यू ही साथ छोड़ दिए तुमने ,मेरा ये दिल क्यों तोड़ दिए तुमने .
फिर क्यों यू ही साथ छोड़ दिए तुमने ,मेरा ये दिल क्यों तोड़ दिए तुमने
क्या मैंने तुमसे फरेब किया है जैसे बाकी लोग किया करते है,
या मेरी अधूरी खवाईसे के लिए तुम्हे छोड़ दिया हो जैसे बाकी लोग करते है।
कुछ भी तो ऐसा नहीं था कि साथ अपना छूट जाए,अपना ये जन्मों का रस्ता ऐसे ही टूट जाए।
फिर क्यों यू ही साथ छोड़ दिए तुमने ,मेरा ये दिल क्यों तोड़ दिए तुमने .
तुम हो तो बहुत अच्छी ना ,तो तुमपे क्यों झूठी बात बनाकर कोई इल्जाम लगाऊ में .
और फिर मैंने भी तो प्यार किया सच्चा है तुमसे
तो क्यों तुम्हे बेवफा कहके अपना दिल बहलाऊ में .
पर इतना तो कह सकता हु ना ....
क्यों यू ही साथ छोड़ दिए तुमने ,मेरा ये दिल क्यों तोड़ दिए तुमने .
इतना तो समझा चुका अब और कितना समझाऊ में ,
कैसे अपना दिल चीर के बिछड़ने की तड़फ दिखाऊं में।
अब तो बस ये सोचता हूं कि ,दिल पर पत्थर रखकर आगे बढ़ जाऊ में।
अब तो बस ये सोचता हूं कि ,दिल पर पत्थर रखकर आगे बढ़ जाऊ में।
कि जब यू ही साथ छोड़ दिए तुमने ,मेरा ये दिल तोड़ दिए तुमने .

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