Hindi Love Shayari By Princi Singh || Hindi Poetry

Collection of Hindi Love Shayari written by Princi Singh presented by Untold Poetry. Hope you enjoy these hindi poetry/poetries.



Hindi Love Shayari

❤...चलो ना हम तुम वहां चलते हैं...❤


इस दुनिया से बहुत दूर.....

एक अलग दुनिया ( आसमां) बसती हैं,

तारों का शहर, रूहानी इश्क़ का शहर,

जहाँ ना कोई बंदिश हैं, ना कोई रीत,

चलो ना हम तुम वहाँ चलते हैं।।


अपनी एक अलग दुनिया हो,

बहुत खूबसूरत जहाँ सिर्फ मोहब्बत बसती हो,

तेरे मेरे दरमियाँ ना कोई दूरी हो,

ना कोई धर्म की पाबंदी हो,

बस दोनो की साँसो मे इश्क़ बहता हो,

चलो ना हम तुम वहाँ चलते हैं।।


आसमां..... इस जमीं से बहुत दुर,

जहाँ सुबह की पहली रोशनी में मोहब्बत हो,

और शाम की आखिरी किरण में,

सुबह की सुनहरी उम्मीद हो,

जहाँ किसी के मोहब्बत का गला,

जाति धर्म की भिन्नता के नाम पर ना घोटा जाए,

चलो ना हम तुम वहाँ चलते हैं।।


Category-Hindi Poetry

🖤...... गहराई...... 🖤



तो तुमने पूछी थी मुझसे,

मेरे मोहब्बत की "गहराई"......


तो सुनो.... कि तेरी बेरुखीयों में भी

मोहब्बत की तलाश करते हैं,

अरे हम तो वो दीवाने हैं जनाब,

जो लाख बेवफाई के बाद भी,

दुआओं में उसकी मुस्कान मांगते हैं।।


और शायद तुम कभी नहीं समझ पाओ,

उस बेपनाह मोहब्बत की "गहराई"

क्युकिं रूहानी मोहब्बत अक्सर वहाँ से शुरू होती हैं,

जहाँ तुम जैसे जिस्म के आशिक़ों की मोहब्बत,

दम तोड़ दिया करती हैं।। 🖤


!!....वो दिन चाहिए मुझे....!!


जिस्म की भुखी इस दुनिया में,

तुझसे वो रिश्ता चाहिए मुझे,

तेरी गोद में सर रख सुकून पाऊं,

औऱ तेरी बाहों के घेरे में सिमट जाऊं,

ऐसा प्यार चाहिए मुझे!!


जो हो तू मेरे साथ,

सारी दुनिया से लड़ जाऊ,

ऐसा साथ चाहिए मुझे,

और जहाँ सारे छोड़ जाये मेरा हाथ,

सारी जिंदगी मेरे हाथ में तेरा हाथ चाहिए मुझे!!


दौलत शोहरत की चाह नहीं मुझे,

बस तेरा वक़्त और इज्जत चाहिए मुझे,

धोखे की इस दुनिया में,

मेरे लिए सबसे लड़ जाये,

वो रिश्ता चाहिए मुझे!!


और क्या कहूं तेरे इश्क़ में,

बस मेरी दुनिया में तू बस जाये,

और तेरी दुनिया को मैं अपना बना लूँ,

ऐसा कोई दिन चाहिए मुझे!!

......कितना प्यार हैं तुम्हें मुझसे......


वो हमेशा मुझसे पूछता हैं

कितना प्यार हैं तुम्हें मुझसे,

और मैं बस ये कह के टाल देती,

कि रहने दो तुम नहीं समझोगे!!


कैसे समझाऊ उस नासमझ को,

कि मेरे लिए तो प्यार का मतलब ही वो हैं,

मेरे मन्नत के धागे में भी वो,

मेरे होठों कि मुस्कुराहट में भी वो हैं,

और जो गिरे कभी मेरे आंसू,

उस आंसू में भी उसी का अश्क़ हैं!!


कि जिसके लिए सारी दुनिया को अनदेखा कर दिया,

सारे नियम कायदो को तोड़,

जिसके साथ नाम अपना जोड़ लिया,

मेरे लिए वो आखिरी शख्स भी वो ही हैं

और कैसे समझाऊ उस नासमझ को,

कि मेरे लिए तो प्यार का मतलब ही वो हैं!!


!!...तू ही प्यार हैं मेरा...!!


एक दिन पूछा उसने मुझे से,

हमेशा कहती हों बहुत प्यार हैं मुझसे,

तो जरा बताना कि प्यार होता क्या है।


मैंने हस के कहा तो सुनो जान,

कि सुबह आँखे खुलते ही,

तुम्हे देखने की ख्वाहिश होतीं हैं,

और आँखे बंद होने तक,

बस तेरा ही चेहरा होता हैं,

तेरी एक मुस्कान देखने को,

दिल हर वक़्त बेकरार रहता है।।


प्यार क्या होता हैं पता नहीं हैं मुझे,

पर जब भी तेरी आवाज सुन लू,

दिल को एक सुकून मिल जाता हैं

और जो एहसास तेरे लिये इस दिल में हैं,

वो कभी किसी को लिए नही होगा।।


.....माना हम साथ नहीं......


कि माना हम साथ नहीं...

पर ख्वाबों में हर पल तु मेरे पास हैं

माना मंजिलें एक नहीं हमारी

पर हर राह में मेरे हाथ में तेरा हाथ हैं!!


सही कहते हैं लोग.... सच्चे प्यार की मंजिल कहा,

जहाँ इश्क़ मुकम्मल हो जाएं वो जहाँ हैं कहा,

पर मोहब्बत हमारी कभी जरूर पुरी होगी,

ये जहाँ ना सही कोई तो जहाँ हमारी होगी!!


फरेब की इस दुनिया में,

रूहानी इश्क़ कहाँ मिलती हैं,

जो पा लू तेरी रूह को,

तब मेरे रूह को सुकून मिलती हैं!!


बस यूही तेरी आखों में खुद को पाऊ,

तुझसे ना मिलकर भी

हमेशा के लिए तेरी हो जाऊँ!!

......लकीरों में नहीं वो मेरे.....


राधा थी मैं उसकी, कभी रुकमणि नहीं बन पायी,

गौरी और शिव जी जैसी जुदाई थी,

कभी पार्वती बन जीवनसंगिनी नहीं बन पायी,

शायद हाथों में तो था वो मेरे,

पर लकीरों में नहीं लिखवा पायी मैं उसे!!


उसके लिए रोज दुआ तो कर सकती हूँ,

पर अर्धांगिनी बन व्रत नहीं रख पायी,

मेरे सफर में तो हर पल साथ था वो मेरे,

पर उसे अपनी मंजिल नहीं बना पायी,

शायद हाथों में तो था वो मेरे,

पर लकीरों में नहीं लिखवा पायी मैं उसे!!


और जो मिल जाए आज भी कभी वो,

तो बस दूर से देख मुस्कुरा दूंगी,

क्युकी शायद उस पर अब हक किसी और का हो,

हमारा साथ तो बस कुछ पल का था,

जिंदगी में तो उसे किसी और ने लिखवा लिया हैं!!



About the poet:-

Myself Princi Singh...

A college student...

Ehsaaso ko alfaazo me badlna pasand hai..... 

Kyuki shabdo se jyada alfaaz ki jubaa koi nhi samjh sakta.....

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